हिप्नोटिक शक्ति-


मानव में एक विशेष प्रकार की ऊर्जा और चुंबकीय-शक्ति है और इस शक्ति के माध्यम से ही मानव इतना रहस्यमय बन सका है। हिप्नोटिक शक्ति के मुख्य केन्द्र मनुष्य की आंखे और उंगलियों के सिरे होते हैं । उदाहरण के लिए आप अपने सिर का बाल तोड़ कर लटका दीजिए। इस बात का ध्यान रखें कि उस पर हवा का प्रभाव न हो या ऐसे स्थान पर नहीं लटका हुआ होना चाहिए जिससे कि बह हवा के प्रभाव से हिल सके । अब आप अपने दाहिने हाथ को किसी भी उंगली को उस बात के सिरे के पास धीरे-धीरे ले जाइए। आप देखेंगे कि कुछ दूरी रहने पर बाल खिच कर उंगली से चिपक जाता है, ठीक उसी प्रकार, जिस प्रकार चुम्बक लोहे की कील को अपनी ओर खींचता है। जब व्यक्ति किसी अपने प्रिय का चिन्तन करता है या उसके बारे में सोचता है तो उसका सारा शरीर एक बिशेष चुम्बकीय विद्युत से प्रवाहित होने लगता है और उसके सारे शरीर में झनझनाहट-सी दौड जाती है, यह झनझनाहट विद्युत का वेग है। कई बार हाथों की उंगलियों में यह झनझनाहट अनुभव होती है। हम कई बार देखते हैं कि किसी प्रेमिका को अचानक जब उसका प्रेमी दिखाई दे जाता है तो उसका चेहरा लाल हो जाता है और आंखों में लाली-सी छा जाती है. साथ-ही-माथ उसकी आंखों में एक ऐसी आकर्षण शक्ति पैदा होती है जो दूसरों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करती है। कोई भी मादा किसी भी नर को आकर्षित करने के लिए इसी चुम्बकीय शक्ति का सहारा लेती है। इसी प्रकार जब कोई पुरुष किसी नारी को आकर्षित करने की सोचता है तो उसके सारे शरीर में एक विशेष प्रकार की चुम्बकीय शक्ति पैदा हो जाती है और उस समय उसका शरीर एक विशेष आकर्षण से युक्त बन जाता है।



एक छोटे प्रयोग से मैं अपनी बात को स्पष्ट करना चाहूंगा । जिसी स्वस्थ व्यक्ति को देखकर आप गम्भीरता से अपने हाथ की उंगली को उसके ललाट के पास या उसके सिर के पास ले जाइए और धीरे-धीरे गोल-गोल पुमाइए। दो मिनट बाद यदि आप उसको पूछेगे तो बताएगा कि उसके सिर में दर्द हो रहा है। कई बार तो आपके
पूछने से पहले ही वह सिर दर्द बता देता है। यह सिर दर्द आपके उंगली के सिरे से चुम्बकीय विद्युत निकल कर उसके ललाट पर या सिर पर प्रहार करती है जिसकी वजह से सिर में दर्द होने लगता है। किसी-किसी व्यक्ति के शरीर में यह चुम्बकीय शक्ति ज्यादा होती है; फल स्वरूप वह लोगों में ज्यादा लोकप्रिय होता है। जिसमें यह ज्यादा शक्ति होती है उसे पूर्ण पुरुष कहा जाता है। जैसा कि मैंने बताया कि इस चुम्बकीय शक्ति के माध्यम से आप सामने वाले को सम्मोहित कर सकते हैं, आवश्यकता इस बात की है कि आप इस शक्ति को ज्यादा से-ज्यादा बढ़ाएं और इतनी ज्यादा बढ़ा दें कि वह दूसरों पर प्रभाव पैदा कर सके। संसार में जितने भी पदार्थ है या जितने भी चैनल है वे सभी किसी-न-किसी के आकर्षण से बंधे हुए हैं। प्रत्येक नर सजातीय मादा से बंधा हुआ है और उसके प्रति आकर्षण अनुभव करता है । इसी आकर्षण शक्ति के सहारे ग्रह नक्षत्र एक-दूसरे से बंधे हुए हैं और इस परस्पर आकर्षण शक्ति का अध्ययन और एक दूसरे पर पड़ने वाले प्रभाव को ही 'ज्योतिष' कहा जाता है। हिप्नोटिक शक्ति केवल मनुष्यों में ही नहीं होती, अपितु पशु-पक्षियों में भी पूर्ण रूप से होती है। सांप की आंखों में एक विशेष चुम्बकीय शक्ति होती है जिसके माध्यम से वह छोटे-छोटे जन्तुओं को अपनी आकर्षण शक्ति के सहारे बांध लेता है जिससे कि वह हिल-डुल नहीं सकता, और फिर उसका भक्ष्य कर लेता है, इसी प्रकार अजगर की आंखों में यह चुम्बकीय शक्ति अत्यन्त तीव्र होती है और वह १० फुट दूर खड़े हिरण को देखकर तथा उसकी आंखों में आंखें मिलाकर उसे इसी चुम्बकीय शक्ति के सहारे जड़वत बना लेता है जिससे कि वह हिरण उसी स्थान पर स्थिर खड़ा हो जाता है और तब अजगर आगे सरक कर उसे खा जाता है। कई वार शिकारियों ने यह अनुभव किया है कि खतरे को अनुभव करके पशुओं की आंखों में एक विशेष प्रकार की चमक पैदा हो जाती है जो कि सामान्य चमक से भिन्न होती है, क्योंकि पशुओं में अज्ञात खतरों को भांपने की पूर्ण शक्ति होती है, उनकी आंखों को देखकर शिकारी आसपास छिपे हए हिंसक पशु का आभास पा लेता है।

इस प्रकार हमने यह अनुभव किया कि दो प्रकार की चुम्बकीय शक्ति होती है, एक तो वह चुम्बकीय शक्ति होती है जो कि प्रत्येक प्राणी में थोड़े बहुत रूप में स्वाभाविक रूप से होती है और जिसके माध्यम से वह दूसरों को प्रभावित करने का प्रयत्न करता है । तथा दूसरे प्रकार की चुम्बकीय शक्ति खतरे के समय पैदा होती है

और इस प्रकार की शक्ति उसे सुरक्षा देने की चेतावनी प्रदान करती है। जैसा कि मैंने ऊपर बताया कि प्रत्येक व्यक्ति में यह चुम्बकीय शक्ति होती है और जिसमें यह चुम्बकीय शक्ति ज्यादा होती है, वह दूसरों को प्रभावित करने की  ज्यादा 
शक्ति अनुभव करता है ।ये चुम्बकीय शक्ति खतरे के समय पैदा होती है,

और इस प्रकार को शक्ति उसे सुरक्षा देने की चेतावनी प्रदान करती है।

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